शायर शायर
कौन हैं वो जो आसमान में उड़ते हैं, कभी इधर, कभी उधर, यह कभी ना रुकते हैं कौन हैं वो जो आसमान में उड़ते हैं, कभी इधर, कभी उधर, यह कभी ना रुकते हैं
शहीद कहलाते हैं, खून की होली हर रोज और गोलियों से खेल जाते हैं, यूँ ही नही हम फौजी क शहीद कहलाते हैं, खून की होली हर रोज और गोलियों से खेल जाते हैं, यूँ ही नही...
इंतज़ार में तेरे गुज़ारे हैं पल इंतज़ार में तेरे गुज़ारे हैं पल
वापस गिरकर बार-बार लगातार चलना है, बस आज मुझे शायर बनाना है... वापस गिरकर बार-बार लगातार चलना है, बस आज मुझे शायर बनाना है...
बारिश की पहली बूंदो को, तुम हथेली में छुपा लेना. बारिश की पहली बूंदो को, तुम हथेली में छुपा लेना.